हनुमान जयंती विशेष : घोड़े पर सवार होकर पहुंचे थे संकट मोचन हनुमान, दशकों पुराना मंदिर बना अटूट आस्था का केंद्र, हर साल विशाल भंडारा का होता है आयोजन
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सुरेंद्र जैन, धरसींवा. श्रीराम भक्त हनुमान जी को संकट मोचन कहते हैं जिसके पीछे कारण भी है कि वह अपने भक्तों के संकट हरते हैं. हनुमान चालीसा में अपार शक्ति है, जो सच्चे मन से हनुमान चालीसा का पाठ करता है, हनुमान जी को याद करता है, उसके जीवन मे होने वाली घटनाओं से वह स्वयं इस सत्य को जान लेता है कि भगवान हनुमान और हनुमान चालीसा में कितनी शक्ति है. भले विज्ञान इस सत्य को न माने लेकिन जो स्वयं महसूस करते हैं, उन्हें किसी विज्ञान के प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती. शनिवार 12 अप्रेल को हनुमान जयंती है, तो चलिए हम उन सिद्ध हनुमान जी के इतिहास को जानने का प्रयास करते हैं, जिनका पता एक घोड़े ने सूबेदार को बताया था.

बात उन दिनों कि है जब भारत गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था अग्रेजों के कुशासन काल के समय धरसीवा से 4 किलो मीटर की दूरी पर स्थित कोल्हान नाला के पास झाड़ियों में सिद्ध हनुमान जी की प्रतिमा मौजूद थी. जिसके बारे में किसी को भी जानकारी नहीं थी. एक दिन एक दुर्घटना के सिलसिले में थाना के जांच प्रभारी सुबेदार सोनूलाल मिश्रा व हवलदार सत्यनारायण तिवारी घटनास्थल का मौका मुआयना करने घोड़ा से कोल्हान नाला पहुंचे. उन्होंने घोड़े को नाले के समीप चारा चरने के लिये छोड़ दिया.

घटनास्थल का मौका मुआयना कर सूबेदार व हवलदार जब वापस आने के लिए घोड़ा के पास गये, तो घोड़ा वहां से तस से मस न हो, वह वहीं अड़ने लगा. घोड़ा बार-बार मानो जैसे कुछ बताने का प्रयास कर रहा हो, तब सूबेदार व हवलदार ने चारों तरफ देखा. उन्हें श्रीराम भक्त संकट मोचन हनुमान दद्दा की मनोहारी प्रतिमा दिखाई दी.

भगवान हनुमान की प्रतिमा का आकर्षण इतना तेज की सूबेदार और हवलदार कुछ समय तक तो बिना पलक झपकाए देखते ही रहे. उसके बाद फिर दंडवत प्रणाम किया. वह बजरंग बली की मूर्ति को वहां से किसी तरह निकाले. उसको घोड़े पर विराजित किए. भगवान हनुमान की मनोहारी प्रतिमा को धरसीवा पुलिस थाना के सामने नीम के वृक्ष के नीचे विराजित किये. कुछ समय बाद भक्तों ने उस स्थान पर छोटा सा मंदिर बनवा कर हनुमान जी की विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा की.

भक्तो के संकट हरते हैं हनुमान जी

धरसीवा पुलिस थाना के सामने स्थित हनुमान मंदिर में विराजित संकट मोचन श्रीराम भक्त हनुमान जी सभी भक्तों के संकट हरते हैं. इस मंदिर में विराजित हनुमान जी का इतिहास लगभग आठ दशक पुराना है. कोल्हान नाला के समीप से जब से हनुमान जी घोड़े पर सवार होकर आए तभी से यह स्थान भक्तों की अटूट आस्था का केंद्र हैं.

आठ दशक से कर रहे विशेष श्रंगार

संकट मोचन श्रीराम भक्त हनुमान जी के प्रति अटूट आस्था रखने वाले उनके भक्त लगभग आठ दशक से हर मंगलवार ओर शनिवार को चमत्कारिक प्रतिमा का विशेष श्रृंगार करते आ रहे है.

हनुमान मित्र मंडली करती है विशाल भंडारा

धरसीवा ही नहीं अपितु आस-पास के ग्रामीण जनों की भी अटूट आस्था इस मंदिर ओर हनुमान जी के प्रति है. हनुमान जी के परम भक्तों ने हनुमान मित्र मंडली बनाई है, जो हर साल हनुमान जयंती बड़े ही धूमधाम के साथ मनाती है. पुलिस थाना सहित सभी भक्तों के सहयोग से यहां विशाल भंडारा कर प्रसाद वितरण होता है. इस दौरान सुबह से लेकर रात तक भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है.

तैयारियां युद्ध स्तर पर

शनिवार 12 अप्रैल को हनुमान जयंती भक्ति भाव से मनाने की सभी तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही हैं.

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